जय श्री कृष्ण
धरती के हर मनुष्य के जीवन में छोटी बड़ी बहुत सारी समस्याएँ है | भाग १
१ किसी को मन की समस्याएँ है ।२ किसी को तन की समस्याएँ है ।
३ किसी को धन की समस्याएँ है ।
यह तीन मूल समस्याएँ है | जिसके कारण मनुष्य जीवन भर दुःखो से घीरा रहता है और इस माया जाल से निकल नहीं पाता |
कुछ ही व्यक्ति है जो दुःखो से निकल पाते है। क्योंकि वह व्यक्ति अपनी कमिया और शक्तिओं को पहचान लेता है।
हमेंशा अपने आप पर ध्यान दिजिये और अपने आप को पहचानिए की आप कौन है।
पहले अपने आप से प्रश्न कीजिये की आपके अन्दर कमिया (अवगुण ) क्या है।
दूसरा अपने आप से प्रश्न कीजिये की आपके अन्दर शक्तियाँ ( गुण ) क्या है।
क्योंकि धरती में उपलब्ध हर व्यक्ति में गुण और अवगुण दोनों होते है।
अपने बारे में गुण और अवगुण की सूची बनाइये | तब जाकर कर आपको अपने बारे में कुछ अनुभव होगा की आप कौन है और क्या- क्या कर सकते है।
सत गुण विकसित न होने पर कौन से अवगुण विकसित हो जाते मन है | नीचे दिए गए सूची को पढ़ कर समझ सकते है |
सत गुणों को अपनाने से आत्मा,शरीर और मन सुद्ध होता है और अवगुणों को अपनाने से आत्मा, शरीर और मन दूषित होती है | निर्णय आपका सत गुण या अवगुण
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जो भी आप सोच सकते है उसी आधार पे सूची बनाइये।
अगर आप अपने लिए भी कष्ट नहीं कर सकते तो फिर आप सब परमेश्वर श्री कृष्ण के परामर्श पर ध्यान दीजिये।
श्री कृष्ण कहते है तुमको अगर जीवन में कुछ भी समझ नहीं आ रहा है की क्या करे और क्या नहीं तो सब भूल जाओ और एक शिशु के भाती मेरे शरण में आओ में तुम्हे सभाल लूँगा। जो मेरा हो जाता है में उसका हो जाता हूँ।
१. किसी को तन की समस्याएँ अगर किसी को तन के समस्या है कुछ समस्या का उपचार सम्भव है और कुछ समस्या का उपचार सम्भव नहीं हो पाता है | कुछ लोग धन की कमी के कारण से अपना उपचार नहीं करपाते | इसी कारण वश लोग समस्या को जीवन भर आपके साथ ढ़ोते रहते है और कुछ लोग अकेले या बृद्धा अवस्था में होने के कारण भी अपना उपचार नहीं करपाते |
चाहे जीवन में कैसी भी बुरी परिस्तिथि हो मन को शान्त रखें | जैसा हो रहा है होने दे कभी - कभी हम सभी के जीवन में कुछ ऐसे छन होते है जो हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाता है | मित्यु, धन की हानि, दुर्घटना, प्राकतिक आपदा।
जीवन में कभी किसी भी परिस्तिथि या व्यक्ति से न डरे | अगर आप डर गए तो समस्या का हल नहीं निकाल पाएंगे हर समस्याओं से समाधान के लिए सबसे प्रथम धैर्य की आवयसकता पड़ती।
कुछ समस्याओं में समाधान के लिए धैर्य के साथ समय की प्रतिक्छा करनी पड़ती है |
कुछ समस्याओं में समाधान के लिए धैर्य के साथ प्रश्नों का सटीक उत्तर देना पड़ता है |
कुछ समस्याओं में समाधान के लिए धैर्य के साथ निर्णय लेना पड़ता है |
कुछ समस्याओं में समाधान के लिए धैर्य के साथ विरोध करना पड़ता है |
कुछ समस्याओं में समाधान के लिए धैर्य के साथ शान्त रहना पड़ता है |
अगर आप अपने जीवन से ख़ुश है नहीं तो आप धैर्य नहीं रख सकते | क्रोध बस छोटी या बहुत बड़ी गलती कर सकते है।
१ किसी को मन की समस्याएँ है ।
२ किसी को तन की समस्याएँ है ।
३ किसी को धन की समस्याएँ है ।
मनुष्य इन तीन कारणों से बाहर निकल नहीं पाता और जीवन भर उलझ कर रहा जाता है जिससे जीवन में अशान्ति बड़ जाती है | जिससे से मन अशान्त हो जाता है और लोग हार मानकर जीवन में हर किसी को भी व्यक्ति को या अपने किस्मत को भी कोष्णे लगते है
जीवन में सही प्रकार से जीना भूल जाते है इसलिए तो आपको परमेश्वर कृष्ण के कथन या वाक्यों पर ध्यान देना चाहिए | जीवन का सही तरीके से जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है मन जीवन की सारी समस्याओ को हल करने के लिए श्री कृष्णा के वाक्यों पर ध्यान दीजिये |
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